hanuman chalisa for Dummies
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व्याख्या — गोस्वामी श्री तुलसीदास जी की ‘कवितावली’ में ‘अमित जीवन फल’ का वर्णन इस प्रकार है –
सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥ चारों जुग परताप तुह्मारा ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ ॥चौपाई॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
सुग्रीव बालि के भय से व्याकुल रहता था और उसका सर्वस्व हरण कर लिया गया था। भगवान् श्री राम ने उसका गया हुआ राज्य वापस दिलवा दिया तथा उसे भय–रहित कर दिया। श्री हनुमान जी ने ही सुग्रीव की मित्रता भगवान् राम से करायी।
भावार्थ – हे नाथ श्री हनुमान जी ! तुलसीदास सदा–सर्वदा के लिये श्री हरि (भगवान् श्री राम) के सेवक है। ऐसा समझकर आप उनके हृदय–भवन में निवास कीजिये।
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अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषण:।
NāsaiNāsaiEnd / wipe out / cured rogaRogaDisease haraiHaraiEnd / near / eradicated sabaSabaAll pīrāPīrāPains / health conditions / afflictions / suffering
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"किसने लिखी थी हनुमान चालीसा, जिसके बारे में कही जाती हैं कई बातें".
Hanuman Chaleesa is often a devotional track dedicated to Lord Hanuman. check here It is actually recited to get very clear and centered thoughts with full of Power and focus.
भावार्थ – ज्ञान और गुणों के सागर श्री हनुमान जी की जय हो। तीनों लोकों (स्वर्गलोक, भूलोक, पाताललोक) को अपनी कीर्ति से प्रकाशित करने वाले कपीश्वर श्री हनुमान जी की जय हो।
भावार्थ– आपने अत्यन्त लघु रूप धारण कर के माता सीता जी को दिखाया और अत्यन्त विकराल रूप धारण कर लंका नगरी को जलाया।